लड़कियों की शादी में विलम्ब: Delayed Marriage of Girls
Book Specification
Item Code: | NZF314 |
Author: | श्री के. एन. राव (Shri K.N Rao) |
Publisher: | Vani Publications |
Language: | English Text with Hindi Translation |
Edition: | 2013 |
ISBN: | 8189221434 |
Pages: | 84 |
Cover: | Paperback |
Other Details | 8.5 inch X 5.5 inch |
Weight | 110 gm |
Book Description
बदले और बदलते हुए भारत के शहरो में रहने वाले शिक्षित लड़की की शादी एक चिन्ता का विषय है | इसका कारण यह है कि लड़की और उसके माँ बाप उसके केरियर को प्रधानता देते है | लड़की की उम्र बढ़ जाने के बाद उसका ध्यान अपने कैरियर पर होता है उसके माता पिता भारतीय परम्परा के अनुसार उसके विवाह के लिए चिन्तित होने लगते है | इस समस्या को सुलझाने के लिए चार महिला ज्योतिषियों ने अपने इस समस्या का एक हल ढूंढ निकाला है जो इस प्रकार है | पहले यह पता लगाये कि लड़की कि शादी उम्र के किस खण्ड में होने कि संभावना है उसके बाद दशा अन्तर्दशा लगा कर एक समय निकालिये |
इस पुस्तक कि उपयोगिता शहर में रहने वाली शिक्षित लड़कियों के लिए है क्योकि गांव में अभी भी बाल विवाह कि प्रथा जीवित है | 1930 में अंग्रेजो के जमाने में शारदा एक्ट बनाकर बाल विवाह को गैर कानूनी करार दिया था किन्तु यह प्रथा ज्यो कि त्यों आज भी ग्रामीण भारत में जीवित है | इसलिये यह शोध सिर्फ शहर में जन्मे शिक्षित महिलाये जिनके विवाह में विलम्ब है उनकी कुंडली पर लागू होगा |
बाजारवाद के इस ज़माने में तथाकथित कालसर्प योग आदि लगाकर ज्योतिष में धोखा अधिक है और शोध बहुत कम | इसलिये तथाकथित उपायों के चक्कर में न पड़कर इस शोध को लगा कर यह देखिये कि लड़की का विवाह कब सम्भव है | अगर 60 से 80 प्रतिशत कुंडलियो में यह खरा उतरता है तो इसकी उपयोगिता आधुनिक भारत के समाज के लिये बहुत अधिक है |
इस पुस्तक कोई इस आशा से प्रस्तुत किया जा रहा है कि इसी शोध को नया आयाम देकर भविष्य में आगे बढ़ाया जा सके |